मध्यप्रदेश में नेता प्रतिपक्ष की दौड़ से बाहर हो चुके पूर्व सीएम शिवराज सिंह चौहान को प्रदेश अध्यक्ष बनाकर सम्मान दिया जा सकता है। जानकारों के मुताबिक मध्यप्रदेश में चौथी बार भी भाजपा को 109 के सम्मानजनक स्कोर तक पहुंचाने में शिवराज सिंह चौहान का बड़ा हाथ है और चूंकि शिवराज केंद्रीय राजनीति में नहीं जाना चाहते इसलिए उन्हें प्रदेश में उनके कद के अनुरूप कोई पद दिया जाएगा। भाजपा में शिवराज पहले ही एक सर्वमान्य नेता के रूप में माने जाते हैं ऐसे में अगर लोकसभा चुनाव के लिए उन्हें अध्यक्ष बना दिया जाए तो कोई आश्चर्य की बात नहीं होगी। विधानसभा चुनावों में पार्टी की हार के बाद प्रदेश अध्यक्ष राकेश सिंह ने इस्तीफे का प्रस्ताव दिया था, संभावना है कि अब उन्हें हटाकर उनकी जगह शिवराज सिंह चौहान को अध्यक्ष बनाया जा सकता है।