कलेक्ट्रेट परिसर में नारेबाजी करते दिखाई दे रहे ये लोग पेशे से किसान हैं। पर दसकों से चले आ रहे सरकार के गैरजिम्मेदाराना रवैये ने इनको हल के साथ-साथ आवाज उठाना भी सिखा दिया है। ये किसान पिछले कई दिनों से अपनी धान लेकर धान खरीदी केन्द्र में पड़े हैं। पर इनकी धान की तुलाई नहीं हो रही है। खरीदी केन्द्र के अधिकारी बारदाना न होने की बात कह रहे हैं। और धान की तुलाई रुकी हुई है। अधिकारियों का कहना है कि खरीदी केन्द्र में तीस हजार बोरियों की आवश्यकता है पर अभी कर सिर्फ पाँच हजार बोरियाँ ही पहुँची हैं। जिससे धान खरीदी में दिक्कतों का सामना करना पड़ रहा है। वहीं किसानों की मांग है कि धान खरीदी की तारीख बढ़ाई जाए और जल्द ही बारदाने खरीदी केन्द्र में पहुँचाए जाएं।