तीन-चार दिन पहले दिग्विजय सिंह अजय सिंह से मिलने उनके बंगले पर पहुंचे थे और एकांत वार्ता की थी वहीं सोमवार रात ज्योतिरादित्य सिंधिया विपक्षी नेता शिवराज सिंह चौहान से मिलने उनके बंगले पहुंच गए। शिवराज और महाराज सिंधिया के बीच काफी देर तक अकेले में बातचीत हुई। खास बात ये है कि ये दोनों ही मुलाकातें गुप्त रूप से नहीं बल्कि बाकायादा मीडिया को जानकारी देकर हुईं। इन मुलाकातों को दोनों ही पक्ष सौजन्य भेंट और सामान्य मुलाकात बता रहे हैं लेकिन सियासी हलकों में इसके अलग-अलग मायने लगाए जा रहे हैं। सियासी जानकारों का कहना है कि जिस तरह मध्यप्रदेश में कमलनाथ ने वन मैन शो चलाया है और सरकार बनने के बाद लगभग सभी फैसलों में ज्योतिरादित्य सिंधिया, दिग्विजय सिंह या अजय सिंह जैसे बड़े नेताओं को दरकिनार किया है उसके चलते इन नेताओं के लिए अपनी महत्ता जताना जरूरी हो गया है। ये लोग इस तरह की बैठकों और मुलाकातों के जरिए कमलनाथ को ये जताना चाह रहे हैं कि सत्ता की चाभी इनके हाथ में भी है और इन्हें नजरअंदाज करना कमलनाथ के लिए मुश्किल हो सकता है।