मध्यप्रदेश शासन का बजट लगभग दो लाख करोड़ रुपए का है लेकिन कर्ज भी इसी के बराबर पहुंच चुका है। किसान कर्जमाफी के लिए सरकार को 35 हजार करोड़ रुपए से अधिक की जरूरत है इसके चलते अब वित्त विभाग ने सभी महकमों को खर्चों पर लगाम लगाने के निर्देश दिए हैं। यही कारण है कि अभी तक प्रदेश के कर्मचारियों को केंद्रीय कर्मचारियों के समान डीए भी नहीं दिया गया है। विभागों को खर्च कम करने के निर्देश दिए गए हैं वहीं मंत्रियों और अधिकारियों के काफिले में गाड़ियों की संख्या घटाई जा रही है। सूत्रों के मुताबिक प्रदेश में कई दूसरी योजनाओं के लिए भी फिलहाल बजट का आबंटन रोक दिया गया है जिससे विकास पर असर पड़ रहा है।