21वीं सदी के भारत में भी लोग बेटी को अभिशाप मानते हैं। और समय-समय पर भ्रूण हत्या जैसे मामले सामने आते रहते हैं। पर सागर के जैसीनगर में इसके उलट छवि पेश करते हुए रैकवार परिवार ने बड़ी धूमधाम से बेटी का परिवार में स्वागत किया। इस परिवार ने समाज को जागरुकता का संदेश देते हुए। बेटी के पैदा होने पर मिठाई बांटी और बेटा बेटी में भेद न करने का संदेश दिया। इस दौरान बेटी के पिता विकास रैकवार ने कहा कि हमें लड़के लड़की में फर्क नहीं करना चाहिए । आज के समय में लड़के तो मां बाप के बूढ़े होने पर उन्हें वृद्ध आश्रम में छोड़ आते हैं लेकिन बेटी हमेशा मां-बाप का साथ देती है। इसलिए लड़कों की तरह ही लड़कियों को भी खूब पढ़ाना चाहिए और उन्हें आगे बढ़ाना चाहिए।