Loksabha Election 2019- कमलनाथ ने चाणक्य को चक्रव्यूह में फंसाया?

कमलनाथ ने दिग्विजय सिंह को आखिरकार कांग्रेस की कठिन सीट भोपाल से उम्मीदवार बनवा ही दिया। दिग्विजय सिंह का भले ही लोकसभा चुनाव लड़ने का मन नहीं था या वो अपनी पसंदीदा और सुरक्षित सीट राजगढ़ से चुनाव लड़ना चाह रहे थे लेकिन कमलनाथ ने अपने मन की करते हुए पहले तो उन्हें प्रदेश की कठिन सीट से लड़ने का चैलेंज दिया और बाद में खुद ही भोपाल सीट से उम्मीदवार भी घोषित कर दिया। जिस तरह से दिग्विजय सिंह ने कमलनाथ की इस घोषणा के बाद रिएक्ट किया उससे माना जा रहा है कि दिग्गी राजा कमलनाथ के इस फैसले से बिलकुल खुश नहीं हैं। इंदौर में दिग्गी राजा ने कहा कि उनका राज्यसभा का कार्यकाल अभी बाकी है और उनकी पसंद की लोकसभा सीट राजगढ़ है लेकिन इसके बावजूद बुझे मन से दिग्गी राजा ने कहा कि पार्टी और AICC जहां से चुनाव लड़ाएगी उन्हें मंजूर है। दिग्विजय सिंह को सियासी हलकों में मध्यप्रदेश की राजनीति का चाणक्य कहा जाता है लेकिन माना जा रहा है कि दिग्गी राजा को भोपाल से लड़ाने का दांव खेलकर कमलनाथ ने अब चाणक्य को भी चक्रव्यूह में फंसा दिया है। जानकारों की मानें तो पिछले कई दिनों से दिग्गी राजा के अपने समर्थकों को कमलनाथ सरकार में महत्वपूर्ण पद दिलाने और MP में सुपर CM बनकर काम करने की चर्चाएं जोरों पर थीं। और इस पर पलटवार करते हुए कमलनाथ ने एक तीर से दो निशाने साधे हैं अगर दिग्विजय सिंह भोपाल सीट से जीत जाते हैं तो उन्हें प्रदेश की राजनीति छोड़कर दिल्ली जाना होगा और सरकार में उनकी दखलंदाजी कम होगी और अगर दिग्गी राजा हार जाते हैं तो इससे उनका सियासी कद तो कम होगा ही उन्हें प्रदेश की राजनीति में हाशिये पर रखने का अच्छा बहाना भी होगा। भोपाल से बीजेपी का उम्मीदवार घोषित होने के बाद शह और मात का ये खेल और ज्यादा दिलचस्प हो जाएगा।

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