मध्यप्रदेश कांग्रेस कमेटी के अध्यक्ष और अब CM बन चुके कमलनाथ ने दिग्गी राजा को प्रदेश की कठिन लोकसभा सीट से लड़ने की राय दी और भोपाल में उन्हें उम्मीदवार भी बनवा दिया। ये भी सुनने में आ रहा है कि कमलनाथ अब ज्योतिरादित्य सिंधिया को भी गुना छोड़कर किसी और सीट से लड़ने की राय दे रहे हैं। हालांकि खुद कमलनाथ अपने लिए अपने गृह जिले की सबसे सुरक्षित सीट खाली करवाकर वहां से चुनाव लड़ रहे हैं। अपनी सुरक्षित संसदीय सीट भी कमलनाथ अपने बेटे नकुलनाथ को ही देने जा रहे हैं। ऐसे में सियासी हलकों में सवाल उठ रहा है कि खुद कमलनाथ किसी कठिन सीट से चुनाव क्यों नहीं लड़ते या अपने बेटे नकुलनाथ को किसी कठिन सीट से लोकसभा चुनाव क्यों नहीं लड़वाते। छिंदवाड़ा सीट तो वैसे भी उनका गढ़ है वहां से तो कोई भी जीत जाएगा अगर कमलनाथ अपने बेटे को किसी दूसरी सीट से लड़वाकर जिताते तो कांग्रेस के पास प्रदेश में एक सीट की बढ़ोत्तरी होती लेकिन जैसा कि खुद कांग्रेसी अब कह रहे हैं कि पर उपदेश कुशल बहुतेरे। दूसरों को ज्ञान बांटना आसान है लेकिन जब बात खुद पर आती है तो फिर…. आदमी कमलनाथ बन जाता है।