दिग्गी राजा के 10 विवादित बयान
मध्यप्रदेश के पूर्व मुख्यमंत्री शिवराज सिंह चौहान लंबे वनवास के बाद एक बार फिर चुनावी राजनीति में कदम रख रहे हैं। हालांकि मध्यप्रदेश में 10 साल मुख्यमंत्री रहे दिग्गी राजा को कई कांग्रेसी 15 सालों तक कांग्रेस के प्रदेश की राजनीति से बाहर रहने का कारण भी मानते हैं। राजनैतिक विश्लेषकों ने भी दिग्गी राजा के विवादित बयानों को उनके सत्ता से बाहर रहने का कारण माना है। आइए जानते हैं दिग्विजय सिंह के कुछ ऐसे विवादित बयानों के बारे में जिनके चलते कथित रूप से कांग्रेस और खुद दिग्विजय सिंह को मध्यप्रदेश की राजनीति में वनवास झेलना पड़ा था।
1. मुझे कर्मचारियों के वोट नहीं चाहिए
दिग्गी राजा पर ये आरोप लगते रहे हैं कि अपनी सरकार के दौरान उन्होंने हजारों दैनिक वेतन भोगियों को नौकरी से निकलवा दिया। कहा जाता है कि इस दौरान दिग्विजय सिंह ने ये भी कहा था कि चुनाव मैनेजमेंट से जीते जाते हैं और मुझे कर्मचारियों के वोट नहीं चाहिए। इसके बाद कांग्रेस 15 साल के लिए सत्ता से बाहर हो गई।
2. अपनी ही पार्टी की महिला नेता को कहा था टंच माल
दिग्विजय सिंह ने मंदसौर में स्थानीय नेता मीनाक्षी नटराजन को ‘100 प्रतिशत टंच माल’ कह दिया था जिसके बाद पार्टी में ही उनका विरोध हुआ था और कई महिला संगठनों ने भी विरोध जताया था। दिग्विजय ने एक सभा में कहा था, ‘यह 100 प्रतिशत टंच माल हैं, गरीबों की लड़ाई लड़ती है और मंदसौर जैसे जिले की गुटबाजी में नहीं पड़ती।”
3. हिंदुत्व कोई शब्द नहीं है और मैं हिंदुत्व को नहीं मानता
2016 में बनारस में पत्रकारों से चर्चा में दिग्विजय सिंह ने कहा था कि वे हिंदुत्व को नहीं मानते और हिंदुत्व कोई शब्द नहीं है। वे खुद को सनातन धर्मी मानते हैं।
4. मदरसों और सरस्वती शिशु मंदिर को नफरत फैलाने वाला बताया था
दिग्विजय ने अपने ट्वीटर हैंडिल पर एक ट्वीट किया था जिसमें लिखा था कि ‘मदरसों और आरएसएस द्वारा संचालित सरस्वती शिशु मंदिर स्कूल में क्या कोई अंतर है? मुझे तो नहीं लगता, क्योंकि दोनों ही नफरत फैलाते हैं।” इसके बाद हैदराबाद पुलिस ने दिग्विजय सिंह के खिलाफ एक एफआईआर दर्ज की थी।
5. रामदेव बाबा को कहा था ठग
पिछले चुनावों के दौरान दिग्विजय सिंह ने बाबा रामदेव निकृष्ट आदमी कहा था और ठग करार दिया था। दिग्विजय सिंह ने बाबा रामदेव पर ठीक से योगा न सिखाने और नकली दवाएं बेचने का भी आरोप लगाया था। इसके बाद बाबा रामदेव के समर्थक दिग्विजय सिंह से नाराज हो गए थे।
6. ओसामा को बोला था ओसामा जी
वाराणसी में दिग्विजय ने आतंकी ओसामा बिन लादेन के लिए ओसामा जी का आदरसूचक शब्द इस्तेमाल किया था। उन्होंने कहा कि पाकिस्तान के आर्मी बेस के नजदीक रह रहे ओसामाजी के बारे में उसे भनक क्यों नहीं लगी। उन्होंने मुंबई आतंकी हमले में मारे गए आतंकियों को भी आतंकवादी कहने से परहेज की थी।
7. RSS बम बनाने की ट्रेनिंग देता है
मालवा निमाड़ के दौरे पर गए दिग्विजय सिंह ने कहा था कि राष्ट्रीय स्वयंसेवक संघ यानी RSS अपने कार्यकर्ताओं को बम बनाने की ट्रेनिंग देता है। इस बयान के बाद काफी बवाल भी मचा था।
8. दिल्ली के बाटला हाउस में हुई मुठभेड़ को फर्जी बताया था
दिग्विजय सिंह ने यूपी के आजमगढ़ में राहुल गांधी की मौजूदगी में बोलते हुए दिल्ली के बाटला हाउस में हुई मुठभेड़ को फर्जी करार दिया था। हालांकि तत्कालीन केंद्रीय गृह मंत्री पी.चिदंबरम ने उसे असली मुठभेड़ माना था।
9. कांग्रेस कार्यकर्ताओं के लिए लगाए थे मुर्दाबाद के नारे
हाल ही में भोपाल के बैरागढ़ में हारे कांग्रेस उम्मीदवार नरेश ज्ञानचंदानी की सभा में बोलते हुए दिग्विजय सिंह ने अपने ही कार्यकर्ताओं की मुर्दाबाद के नारे लगाए थे। दिग्गी ने कहा था जिन कार्यकर्ताओं ने नरेश के लिए काम नहीं किया उनकी मुर्दाबाद
10. मेरे भाषण देने और चुनाव प्रचार से कांग्रेस का वोट कटता है
MP के विधानसभा चुनावों के दौरान सामने आए एक वीडियो में दिग्विजय सिंह यह कहते हुए सुने गए थे कि उनके पार्टी के लिए चुनाव प्रचार करने और भाषण देने से कांग्रेस का वोट कटता है।
तो ये थे वे कुछ चुनिंदा बयान जिनके कारण दिग्विजय सिंह सुर्खियों में बने रहे और इन विवाद भी खड़ा हुआ। अब एक बार फिर सक्रिय हो गए हैं और भोपाल से उम्मीदवार हैं। देखना है कि क्या इस बार दिग्विजय सिंह अपने बयानों पर संतुलन रखते हैं या फिर कोई विवादास्पद बयान देकर मुसीबत मोल लेते हैं।