प्रधानमंत्री मोदी की बहुमहात्वाकांक्षी योजना प्रधानमंत्री आवास योजना लोगों की मौत का कारण बन रही है। छत्तीसगढ़ के गरियाबंद में भी कुछ ऐसा ही मामला देखने को मिला है। जहाँ एक वृद्ध को आवास योजना की पहली किस्त तो मिल गई पर इसके बाद प्रशासनिक अधिकारी बाकी की सारी रकम गटक गए और कागजों में सारी रकम बुजुर्ग को मिली हुई दिखा दी। इधर दर-दर की ठोकर खाने के बाद जब बुजुर्ग को अपने सपने टूटते हुए दिखे। तो उसने मौत को चुनना ही बेहतर समझा। वहीं दूसरे मामले में इन अधिकारियों ने गांव की एक वृद्धा को मरा हुआ दिखाकर उसका सारा पैसा हजम कर गए। सरकारी अफसरों की करतूतों का खिमियाजा आम जन को भुगतना पड़ रहा है। पर भ्रष्टाचार की जड़ें इतनी गहरी हैं कि किसी पर कोई कार्रवाई नहीं हो रही है। खैर अब देखने वाली बात होगी कि चुनावी माहौल में इस मुद्दे के उठने के बाद प्रशासन इस मामले पर क्या कार्रवाई करता है।