मध्यप्रदेश में कांग्रेस बीएसपी को लगातार झटके पर झटका दिए जा रही है। पहले भी बीएसपी के कई नेता कांग्रेस में शामिल हो चुके हैं। वहीं प्रदेश को दो बड़े कांग्रेसी नेताओं के गढ़ में बीएसपी उम्मीदवार अपनी पार्टी से बगावत करके कांग्रेस को समर्थन दे रहे हैं। ऐसे में बीएसपी सुप्रीमो बहन मायावती के क्रोध का पारावार नहीं है। मायावती ने ट्वीट करके एमपी में कांग्रेस से समर्थन पर पुनर्विचार करने की धमकी दी है। आपको बता दें कि गुना-शिवपुरी सीट से बीएसपी प्रत्याशी लोकेंद्र सिंह राजपूत सोमवार को कांग्रेस में शामिल हो गए। यहां से कांग्रेस के दिग्गज ज्योतिरादित्य सिंधिया मैदान में हैं। वहीं दिग्विजय सिंह के गढ़ राजगढ़ से बीएसपी उम्मीदवार निशा त्रिपाठी ने भी कांग्रेस प्रत्याशी मोना सुस्तानी के पक्ष में अपनी उम्मीदवारी वापस ले ली थी। टिकट मिलने के बाद बीएसपी उम्मीदवारों का ये पलायन मायावती को हजम नहीं हो रहा है और उन्होंने साफतौर पर इसके पीछे कांग्रेस को जिम्मेदार ठहराते हुए चेतावनी दे डाली है। मायावती ने ट्वीट करके कहा है, ‘सरकारी मशीनरी के दुरुपयोग के मामले में कांग्रेस भी बीजेपी से कम नहीं। एमपी के गुना लोकसभा सीट पर बीएसपी उम्मीदवार को कांग्रेस ने डरा-धमकाकर जबरदस्ती बैठा दिया है लेकिन बीएसपी अपने सिम्बल पर ही लड़कर इसका जवाब देगी।’ उन्होंने आगे लिखा कि अब कांग्रेस सरकार को समर्थन जारी रखने पर भी पुनर्विचार किया जाएगा। आपको बता दें कि मध्यप्रदेश में अल्पमत की कांग्रेस सरकार को उसी के चार बागी निर्दलीय विधायकों के अलावा बीएसपी के दो विधायकों के अलावा सपा के एक विधायक का समर्थन मिला है। लेकिन कांग्रेस ने बीएसपी या एसपी के किसी विधायक को मंत्रीमंडल में शामिल नहीं किया बल्कि कथित रूप से बीएसपी विधायक रामबाई परिहार के पति और बेटों को हत्या के आरोप में पुलिस ने प्रताड़ित भी किया और जेल भी भेज दिया। ऐसे में अगर मायावती प्रदेश सरकार से समर्थन वापस लेती हैं और बीजेपी निर्दलीय या कांग्रेस के कुछ विधायकों को सदन में वोटिंग के दौरान न्यूट्रल रहने या अबसेंट रहने के लिए तोड़ लेती है तो कांग्रेस को दिक्कत हो सकती है।