शेर सिंह राणा, नाम के अनुरूप ही राणा के काम भी धाकड़ हैं। राणा का नाम सबसे पहले डकैत से सांसद बनी फूलन देवी हत्याकांड में सामने आया था। राणा का असली नाम पंकज सिंह है। फूलन देवी ने डकैत रहने के दौरान एक साथ 22 ठाकुरों की हत्या कर दी थी। जिसका बदला लेने के लिए राणा ने फूलन देवी की हत्या कर दी। और बाद में सरेंडर करते हुए गर्व के साथ हत्या की बात भी स्वीकारी थी। जिसके बाद राणा को फूलन देवी की हत्या का दोषी मानकर तिहाड़ जेल में रखा गया था। पर17 फरवरी 2004 को राणा फिल्मी अंदाज में तिहाड़ जेल से भाग निकला। पुलिस ने काफी मशक्कत के बाद 17 मई 2006 को शेरसिंह राणा को कोलकाता के एक गेस्ट हाउस से फिर गिरफ्तार किया। अपनी फरारी के दिनों के बारे में राणा का कहना है कि वह बचपन से पृथ्वीराज चौहान की अस्थियों के अपमान की बात सुनता आया था। इसलिए वह अफगानिस्तान पृथ्वीराज चौहान की अस्थियां लेने गया था। इसके लिए राणा ने झारखंड के रांची से फर्जी पासपोर्ट बनवाया। और नेपाल, बांग्लादेश, दुबई होते हुए अफगानिस्तान पहुंचा। साल 2005 में वह पृथ्वीराज चौहान की अस्थियां लेकर भारत आया। अपनी बात को साबित करने के लिए राणा ने पूरे घटनाक्रम की वीडियो भी बनाया था।