आतंकी घटनाओं के बाद भारत के पड़ोसी श्रीलंका में बुर्का पहनने पर बैन लगा दिया गया है। इसके बाद भारत में भी एक राजनैतिक दल के अखबार में भारत में बुर्का बैन करने की बात कही गई। हालांकि न तो सरकार और न ही किसी राजनैतिक दल ने ये बात उठाई लेकिन भारत में तथाकथित बुद्धिजीवी वर्ग को बवाल खड़ा करने का एक और मसला मिल गया। स्वघोषित बुद्धिजीवी और किसी धर्म को न मानने वाले जावेद अख्तर साहब को आगबबूला हो गए और कहने लगे कि अगर बुरका बैन होगा तो घूंघट भी बैन होगा। अब ये तो वही बात हुई की सूत न कपास …। खैर जाने दीजिए बात ये हो रही है कि श्रीलंका ने अपने देश में बुर्के को बैन किया लेकिन दुनिया के कई देश ऐसा काम पहले ही कर चुके हैं और उसमें कई मुस्लिम बहुल जनसंख्या वाले देश भी हैं। कई देशों के कई खास इलाकों में बुर्का पहनने पर बैन है और नियम तोड़ने पर लाखों रुपय़ों का जुर्माना लगता है। तो आपको बताते हैं दुनिया के उन देशों के बारे में जहां पर बुर्के पर प्रतिबंध है। बुर्के पर बैन लगाने वाले सबसे प्रमुख देशों में शामिल है फ्रांस जहां पर 2010 में सार्वजनिक स्थानों पर बुर्का पहनने या चेहरा ढंकने पर रोक लगी थी और इसके उल्लंघन को अपराध की श्रेणी में रखा गया था। फ्रांस में बुरका पहनने पर लगभग 150 यूरो यानी करीब 12 हजार रुपए का जुर्माना लगता है। बुर्का पहनने वालों को पकड़ कर फ्रांस की नागरिकता के बारे में क्लास दी जाती है। यदि कोई व्यक्ति किसी महिला को जबर्दस्ती बुर्का पहनने पर मजबूर करता है तो उस पर 30 हजार यूरो का जुर्माना लगाया जाता है।
स्विटजरलैंड के कुछ इलाकों में भी बुरका पहनने पर पूरी तरह प्रतिबंध है। नियम का उल्लंघन करने पर £8,000 पौंड यानी कि साढ़े सात लाख रुपए तक का जुर्माना लग सकता है। इस प्रतिबंध के बाद अरब देशों के दूतावासों ने अपने नागरिकों को विशेष पत्र जारी करके स्विटजरवैंड के कानून का पालन करने की समझाइश भी दी थी।
बेल्जियम
बेल्जियम ने भी फ्रांस के नक्शे कदम पर चलते हुए 2011 में बुर्के पर बैन लगा दिया। यहां पर सार्वजनिक स्थानों पर चेहरा ढंकने पर पूरी तरह प्रतिबंध है। बुर्का पहनने वाली महिला को सात साल तक की जेल और 1300 यूरो से ज्यादा का जुर्माना लगाया जा सकता है। यह कानून वहां की सरकार ने सर्वसम्मति से पारित किया था।
नीदरलैंड
2015 में नीदरलैंड में बुर्के पर आंशिक रूप से प्रतिबंध लगाया गया था। मतलब कि महिलाएं स्कूलों, अस्पतालों और सार्वजनिक परिवहन में बुर्का नहीं पहन सकती हैं। सार्वजनिक स्थानों पर बुर्का पहनना पूरी तरह प्रतिबंधित तो नहीं है लेकिन जहां पर सुरक्षा के नजरिए से लोगों को अपना चेहरा दिखाना जरूरी है वहां पर ये प्रतिबंधित है।
स्पेन
स्पेन के कई भागों में बुरका और नकाब पहनने के खिलाफ कानून हैं। हालांकि 2013 में स्पेन के सुप्रीम कोर्ट ने इसको धार्मिक स्वतंत्रा को सीमित करने वाला बताते हुए कुछ इलाकों से हटा दिया था लेकिन 2014 में मानवाधिकारों के यूरोपीय कोर्ट ने कहा कि बुर्के पर बैन मानवाधिकारों का हनन नहीं है।
वहीं जर्मनी, बुल्गारिया, ऑस्ट्रिया, स्पेन और इटली में सार्वजनिक स्थानें के अलावा कुछ खास इलाकों या सरकारी संस्थानों में बुर्का पहनने पर रोक है।
यही नहीं कई मुस्लिम बहुल देशों में भी बुर्के पर पूरी तरह या आंशिक रूप से प्रतिबंध है। चाड, कैमरून, नाइजर, तुर्की, कॉन्गो जैसे मुस्लिम बहुल देशों में अधिकांश स्थानों पर महिलाओं के बुर्का पहनने पर प्रतिबंध लगाया गया है। अफ्रीकी देश चाड में 2015 में हुए आत्मघाती हमलों के बाद वहां के राष्ट्रपति ने बुर्के पर बैन लगाते हुए कहा था कि इनको पहनने वालों को जेल में डाल दिया जाए। मुस्लिम बहुल देश तुर्की में 2013 तक सार्वजनिक स्थानों पर चेहरा या सिर ढंकने पर प्रतिबंध था। अभी भी यहां पर पुलिस, मिलिट्री, न्यायपालिका जैसी संस्थाओं में बुर्का बैन है। हालांकि भारत में बुर्के पर बैन लगाना या न लगाने को लेकर सरकार ने कोई बयान जारी नहीं किया है और न ही सरकार का ऐसा कोई इरादा है लेकिन फिर भी चूंकि चुनावी दौर है इसलिए लोगों को बैठे-बिठाए बवाल खड़ा करने का एक मुद्दा जरूर मिल गया है।