भारत के पूर्वी तटीय इलाकों खासतौर पर ओडिशा और आंध्र प्रदेश में चक्रवाती तूफान फानी Fani Cyclone के चलते हाई अलर्ट जारी किया गया है। शुक्रवार 3 मई को इस तूफान के ओडिशा के तटीय इलाकों में तबाही मचाने की आशंका जताई गई है। यहां तेज बारिश के साथ ही 200 किलोमीटर प्रति घंटा से भी तेज रफ्तार से तूफानी हवाएं चल रही हैं। ओडिशा सरकार ने दस लाख से अधिक लोगों को सुरक्षित स्थानों पर भेजा है। शुक्रवार को लोगों को घरों से बाहर नहीं निकलने की सलाह दी गई है। आपको बता दें कि हर साल आने वाले तूफानों के नाम अलग-अलग होते हैं। इस साल के तूफान को ‘फानी’ FANI CYCLONE नाम दिया गया है। 2018 में बंगाल की खाड़ी में आए तूफान को ‘तितली’ नाम दिया गया था। दरअसल तूफानों को नाम देने का ट्रेंड अमेरिका और दूसरे देशों में पहले से है। दक्षिणी एशियाई देशों में तूफानों या चक्रवातों को नाम देने का चलन 2004 से शुरू हुआ। भारत के साथ-साथ पाकिस्तान, बांग्लादेश, श्रीलंका, मालदीव, म्यांमार, ओमान और थाइलैंड इन आठ देशों ने तूफानों का नाम देने का एक फॉर्मूला तैयार किया है। इस फॉर्मूले के मुताबिक देशों नामों के पहले अक्षर के मुताबिक अल्फाबेटिकली उनका क्रम तय किया जाता है और उसी क्रम से तूफानों का नामकरण किया जाता है। इन सभी आठ देशों ने वर्ल्ड मेट्रोलॉजिकल ऑर्गनाइजेशन यानी विश्व मौसम संगठन (World Meteorological Organization) को तूफानों के नाम की लिस्ट दी हुई है। भारत ने अपनी ओर से ‘अग्नि’, ‘बिजली’, ‘मेघ’, ‘सागर’ और ‘आकाश’ जैसे नाम दिए हैं। वहीं, पाकिस्तान ने ‘निलोफर’, ‘बुलबुल’ और ‘तितली’ जैसे नाम दिए हैं। इस बार का नाम फानी (FANI साइक्लोन) बांग्लादेश ने दिया है। फानी का अर्थ है जो नश्वर यानी नाशवान है लेकिन यहां फानी से आशय नाश करने वाला लगाया जा सकता है।