कंप्यूटर बाबा का नाम कुछ लोग अब हैलीकॉप्टर बाबा रखने की सोच रहे हैं। क्योंकि कंप्यूटर बाबा के पास कंप्यूटर या लैपटॉप तो किसी ने नहीं देखा लेकिन बाबा का हैलीकॉप्टर प्रेम जग जाहिर है। पहले भी बाबा यज्ञ और संत समागम के लिए हैलीकॉप्टर में घूमते रहे हैं बल्कि कुंभ स्नान के लिए भी हैलीकॉप्टर से जाने की परमीशन मांगी थी और हाल में कांग्रेस के प्रचार के लिए भी कंप्यूटर बाबा पूरे प्रदेश में हैलीकॉप्टर से ही घूमते रहे। अब जबकि बाबा को कांग्रेस सरकार ने नर्मदा क्षिप्रा नदी न्यास का अध्यक्ष बना दिया है तो बाबा का हैलीकॉप्टर प्रेम एक बार फिर जाग उठा है। सुना है कि कंप्यूटर बाबा ने नदी न्यास का अध्यक्ष बनते ही दिग्विजय सिंह से हैलीकॉप्टर की मांग कर डाली। हालांकि दिग्विजय सिंह सरकार में किसी जिम्मेदार पद पर नहीं हैं लेकिन कंप्यूटर बाबा को पता है कि दिग्विजय सिंह के कहने पर जब कमलनाथ सरकार उन्हें नदी न्यास का अध्यक्ष बना सकती है तो हैलीकॉप्टर भी दे सकती है। तो अब बाबा का कहना है कि अगर उन्हें जल्दी काम करना है तो उस हिसाब से अस्त्र शस्त्र चाहिए यानी हैलीकॉप्टर, दफ्तर, कर्मचारी, गाड़ियां वगैरह-वगैरह। फिर उसके बाद बाबा काम शुरू करेंगे। अब यही बाबा दिग्गी राजा की नर्मदा पदयात्रा के गुणगान गाते नहीं थक रहे थे तो हमारी तो बाबा जी को यही सलाह है कि आप भी अगर नर्मदा परिक्रमा पैदल करेंगे तो नर्मदा की स्थिति को अच्छे से जान पाएंगे और पुण्य लाभ भी कमा पाएंगे। लेकिन बाबा भी जानते हैं कि दूसरों को उपदेश देना दूसरी बात है और खुद पर अमल करना दूसरी बात। अब देखना है कि सरकार बाबाजी को कब हैलीकॉप्टर उपलब्ध कराती है ताकि बाबाजी अपना काम शुरू कर सकें।