मध्यप्रदेश की 29 सीटों पर हुए लोकसभा चुनाव को रद्द किए जाने की मांग से संबंधित एक याचिका के बाद जबलपुर हाईकोर्ट ने मुख्य निर्वाचन आयुक्त सहित अन्य लोगों को नोटिस जारी किए हैं। जवाब के लिए कोर्ट ने 4 सप्ताह का समय दिया है। मध्यप्रदेश जनविकास पार्टी की ओर दाखिल जनहित याचिका दाखिल के बाद कोर्ट ने यह नोटिस जारी किए हैं। दरअसल 2017 में रजिस्टर्ड हुई इस पार्टी ने विधानसभा चुनावों के दौरान चुनाव चिन्ह आवंटित किए जाने के लिए आवेदन लगाया था लेकिन पार्टी में आंतरिक कलह का कारण बताते हुए चुनाव चिन्ह देने से इनकार कर दिया गया। इसके बाद लोकसभा चुनाव के दौरान भी पार्टी को इस आधार पर चुनाव चिन्ह आवंटित नहीं किया गया कि उसने 5 फीसदी सीटों पर अपने उम्मीदवार खड़े नहीं किए थे। इसके बाद मध्यप्रदेश जनविकास पार्टी की ओर से हाईकोर्ट में याचिका लगाई गई जिसमें तर्क दिया गया कि लोकसभा चुनाव के दौरान चुनाव चिन्ह आवंटित नहीं करने के कारण पूरी चुनाव प्रक्रिया दूषित हो चुकी है। इसलिए सभी निर्वाचित सांसदों का निर्वाचन रद्द करके नए सिरे से चुनाव कराए जाने चाहिए। इस याचिका के बाद कोर्ट ने मुख्य निर्वाचन आयुक्त सहित संबंधित पक्षों को नोटिस जारी किए हैं। जानकारों का कहना है कि अगर निर्वाचन आयोग की तरफ से तयशुदा समय में संतुष्टिजनक उत्तर नहीं मिलता है तो सभी 29 सीटों से जीते सांसदों का निर्वाचन निरस्त करके फिर से चुनाव कराए जाने की संभावना हो सकती है।