फिर निकला व्यापम का जिन्न, चिट्ठी पर सवाल और बवाल

मध्यप्रदेश में एक बार फिर व्यापम का जिन्न बोतल से निकलता नजर आ रहा है। पूर्व मुख्यमंत्री दिग्विजय सिंह ने सीएम कमलनाथ को एक चिट्ठी लिखकर निर्दोष स्टूडेंट्स को इंसाफ दिलाने की अपील की है। दिग्विजय सिंह ने इस चिट्ठी में पूर्ववर्ती शिवराज सरकार के लिए काफी सख्त भाषा का इस्तेमाल किया है। दिग्विजय सिंह ने लिखा है कि सब जानते हैं कि तत्कालीन सरकार में भ्रष्टाचार चरम पर था. पीएमटी जैसी परीक्षा के लिए राज्य में दलालों के माध्यम से दुकानें खोल दी गयी थीं. पोल खुलने पर उन छात्रों को भी आरोपी बना दिया गया, जो इन दुकानों पर गए ही नहीं थे। वहीं इस मामले में एक और चिट्ठी गायब है जिसे गुमनाम कहा जा रहा है। ये वह चिट्ठी है जिसके आधार पर पूर्व सीएम शिवराज ने व्यापम मामले की जांच शुरू करने का दावा किया था। इस गुमनाम चिट्ठी को लेकर विधानसभा में भी सवाल पूछा गया जिसके जवाब में गृह मंत्री बाला बच्चन ने लिखित में जवाब दिया है कि पुलिस और गृह विभाग के पास ऐसी कोई चिट्ठी नहीं है। जबकि शिवराज सिंह चौहान का फिर से दावा है कि गुमनाम चिट्ठी के आधार पर व्यापम मामले की जांच कराई गई थी। वहीं कांग्रेस नेताओं का कहना है कि ऐसी कोई चिट्ठी नहीं है और शिवराज सिर्फ श्रेय लेने के लिए गुमनाम चिट्ठी की कहानी गढ़ रहे हैं। व्यापम मामले में दिग्विजय सिंह के एक बार फिर सक्रिय होने के बाद अब देखना है कि शिवराज को लेकर सॉफ्ट एटीट्यूड अपनाए हुए सीएम कमलनाथ क्या कोई सख्त कदम उठाते हैं या दिग्गी की चिट्ठी भी गुमनाम हो जाएगी।

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