मध्यप्रदेश में बीजेपी की हालत फिलहाल पतली नजर आ रही है। भरे सदन में दो विधायकों ने बीजेपी की सरकार गिराने के दावों का मखौल उड़ाते हुए कांग्रेस के पक्ष में मतदान किया। ये विधायक पुराने कांग्रेसी हैं और कांग्रेस इनके समर्थन को घर वापसी बता रही है। इन विधायकों की घर वापसी के बाद अब कांग्रेस छोड़कर बीजेपी में आए कुछ और विधायकों की निष्ठा पर सवाल उठने लगे हैं। सबसे ज्यादा निगाहें सिवनी के विधायक दिनेश राय मुनमुन और कटनी विजयराघवगढ़ के विधायक संजय पाठक पर हैं। ये दोनों ही पुराने कांग्रेसी हैं और सीएम कमलनाथ से इनके काफी अच्छे रिश्ते हैं। दिनेश राय मुनमुन सिवनी से निर्दलीय विधायक रहे हैं और 2018 के विधानसभा चुनाव के कुछ महीने पहले बीजेपी में शामिल हो गए थे और बीजेपी के टिकट पर विधायक बने हैं। वहीं विजयराघवगढ़ के विधायक संजय पाठक 2014 में बीजेपी में शामिल हो गए थे। संजय पाठक भी पुराने कांग्रेसी हैं उनके पिता सत्येंद्र पाठक दिग्विजय सरकार में मंत्री रहे हैं। माना जा रहा है कि जिस तरह नारायण त्रिपाठी ने पुराना कांग्रेसी होने का धर्म निभाते हुए कांग्रेस को समर्थन दिया है कुछ यही काम अब ये दोनों विधायक भी भविष्य में कर सकते हैं। हालांकि अंदरखाने की जानकारी के मुताबिक सीएम कमलनाथ ने संजय पाठक को कांग्रेस में लाने के लिए मना कर दिया है। ये भी खबर है कि विंध्य इलाके के कुछ बीजेपी विधायक अभी भी कांग्रेस के संपर्क में हैं जिनमें सिरमौर विधायक दिव्यराज सिंह का नाम भी शामिल है।