मध्यप्रदेश में पहले गर्मी के कारण सब्जियों के दाम आसमान छू रहे थे अब बारिश हुई है लेकिन इतनी हो गई है कि दूसरे प्रदेशों से आने वाली सब्जियों की आवक रुक गई है। ऐसे में सब्जियों के दामों में कमी की उम्मीद तो पूरी होती नजर नहीं आ रही बल्कि सब्जी व्यापारियों का कहना है कि दाम और बढ़ सकते हैं। स्थानीय सब्जी के खेतों में भी पानी भरा होने के कारण तुड़ाई का काम ठीक से नहीं हो पा रहा है। राजधानी भोपाल की अगर बात करें तो यहां कि करोंद स्थित थोक सब्जी मंडी में सब्जी की आवक में 30 से 40 प्रतिशत की कमी आई है। आसपास के जिलों से भी सब्जी आने में दिक्कत हो रही है। अभी सिर्फ उन्हीं राज्यों से सब्जी आ रही है जहां पर जमीन ज्यादा पानी नहीं सोखती है। आपको बता दें कि प्रदेश की मंडियों में नासिक महाराष्ट्र से – प्याज और टमाटर,
पुणे, नासिक और आंध्र प्रदेश से – शिमला मिर्च
कोलकाता से – परमल
दिल्ली और पुणे से – हरी फलियां
राजस्थान और कानपुर से – कुंदरू
मालेगांव महाराष्ट्र से- मुनका की फली
महाराष्ट्र से- पत्ता गोभी की आवक होती है इसके अलावा भोपाल की मंडी में छिंदवाड़ा और खंडवा से अरबी, बड़वानी से टिंडा, मैहर, धार और बड़वानी से करेला, बड़वानी से बरबटी की आवक होती है। सब्जी व्यापारियों को उम्मीद है कि 15 अगस्त के बाद से स्थानीय खेतों से आवक शुरू हो जाएगी। लेकिन जब तक दूसरे प्रदेशों से पर्याप्त आवक नहीं होगी तब तक सब्जी के दामों में कमी आने की उम्मीद नहीं है।