बड़वानी जिले के अंजड़ में दो मुस्लिम युवतियां काफी दिनों से मोदी के तीन तलाक बिल पर फैसले का इंतज़ार कर रही थीं। अब संसद में बिल पास होने पर इन युवतियों ने खुशी ज़ाहिर की है। साजिया और सबीहा दो सगी बहनें हैं। उनका निकाह एक ही दिन इंदौर
और बड़दा के परिवारों में अलग अलग हुआ , जिन परिवारों में निकाह हुआ वो भी आपस मे करीब के रिश्तेदार थे। निकाह के दो माह के बाद ही साजिया को पति आमीन और ससुराल वालों ने दहेज को लेकर परेशान करना शुरू कर दिया और बेटी को जन्म देने के बाद तो ससुराल वालों ने वापस ले जाने से मना कर दिया और तीन तलाक का बोलकर तलाक देने के लिए लगातार धमका रहे हैं। वहीं उसकी छोटी बहन सबीहा के ससुराल पक्ष पर दबाव डलवाकर उसे भी मायके भिजवा दिया।
साजिया और सबीहा के पिता बीमार हैं और घर का खर्च किसी तरह बूढ़ी दादी चलाती हैं। परिवार ने समाज के ठेकेदारों के दरवाजे खटखटाये लेकिन वहां से कोई राहत नहीं मिली। परिवार परामर्श केंद्र की बातचीत भी बेनतीजा रही। इन लोगों की आखिरी उम्मीद टिकी थी पीएम मोदी के 3 तलाक वाले बिल पर। अब बिल के पास हो जाने के बाद इनकी न्याय पाने की उम्मीद बढ़ गई है।