ऐसा लग रहा है कि मध्यप्रदेश सरकार प्रदेश को मद्य प्रदेश बनाने में तुली हुई है। सूत्रों के मुताबिक सरकार आबकारी नीति में संशोधन करने जा रही है जिसके मुताबिक अब शराब दुकान के संचालक एक ही लाइसेंस पर शुल्क चुकाकर उप-दुकान भी खोल सकते हैं। यानी अगर दुकान के पांच किलोमीटर के दायरे में कोई दूसरी दुकान नहीं है तो उप दुकान खोली जा सकती है। प्रदेश में अभी हर पांच किलोमीटर पर स्कूल भले ही न हों लेकिन शराब की दुकान जरूर मिलने वाली है। लगता है इसी दिन के लिए हरिवंश राय बच्चन जी लिख गए थे कि राह पकड़ तू एक चला चल पा जाएगा मधुशाला। मतलब एमपी में किसी भी राह पे निकल जाओ मधुशाला मिल ही जाएगी। लोगों का कहना है कि कम से कम कमलनाथ जी ने शराबियों के हित के लिए तो एक काम शुरू कर दिया है आखिरकार वो भी तो इस प्रदेश के वोटर हैं। जानकारी मिली है कि शराब दुकान के साथ आहाता खोलने की भी छूट मिलने वाली है। तो जल्द ही सड़कों पर झूम बराबर झूम शराबी करते लोगों की तादाद बढ़ती नजर आएगी।