कांग्रेस लगता है हर प्रदेश में अंदरूनी कलह से जूझ रही है. मध्यप्रदेश का सियासी घमासान किसी से छिपा नहीं है. राजस्थान में भी पार्टी की गुटबाजी गाहेबगाहे नजर आ ही जाती है. अब महाराष्ट्र में भी पार्टी का यही हाल है. वो भी तब वहां कांग्रेस सत्ता में भी नहीं है. इसके बावजूद हालात किस कदर खराब है इसका अंदाजा उर्मिला मातोंडकर के बयान से लगाया जा सकता है. जिसमें उन्होंने साफ कहा था कि वो चाह कर भी काम करने में असमर्थ हैं. सिर्फ उर्मिला ही नहीं. उनके बाद भी पार्टी से इस्तीफों का दौर जारी है. कांग्रेस का हाथ छोड़कर हर्षवर्धन पाटिल ने बीजेपी का हाथ थामा लिया है. एनसीपी के कद्दावर नेता गणेश नाईक ने भी बीजेपी जॉइन की थी. इस बीच महाराष्ट्र के सतारा से सांससद उदयनराजे भोसले के भी बीजेपी जॉइन करने की खबरें आ रही थीं. पर फिलहाल शायद उनका मन बदल गया है. बताया जा रहा है कि पाटिल एनसीपी से परेशान थे और उन्होंने आरोप लगाया था कि आगामी विधानसभा चुनाव में एनसीपी उनकी मदद नहीं करेगी.पाटिल इंदपुर सीट से विधानसभा चुनाव लड़ना चाहते थे, लेकिन एनसीपी नेता इस सीट को छोड़ने के लिए तैयार नहीं थे. इंदपुर शिवसेना की सीट है, लेकिन पाटिल के पार्टी जॉइन करने के बाद वह इस सीट को बीजेपी के लिए छोड़ सकती है.गणेश के बेटे और अरोली से विधायक संदीप पहले ही बीजेपी जॉइन कर चुके हैं.