लोकसभा चुनाव के बाद आत्मविश्वास से लबरेज बीजेपी की शिवसेना के साथ दाल गलना इतना आसान नहीं दिख रहा है. वैसे तो शिवसेना ये जानती है कि अकेले महाराष्ट्र का विधानसभा चुनाव लड़ना नुकसान का सौदा होगा. इसलिए बीजेपी की खिलाफत नहीं कर सकती. लेकिन दबीछुपी आवाज में बीजेपी पर निशाना साधना शुरू कर ही चुकी है. कुछ दिन पहले शिवसेना प्रवक्ता संजय राउत ने कहा था कि बीजेपी अपने वादे से मुकर रही है. पहले यहां 50-50 फॉर्मूले पर टिकट बंटना तय हुआ था. लेकिन अब बीजेपी चाहती है कि वो ज्यादा से ज्यादा सीटों पर चुनाव लड़े. इस दम पर कि उसका वोट शेयर अब बढ़ेगा. इसलिए बीजेपी पुराने वादे को तोड़ कर अब खुद ज्यादा सीटों पर चुनाव लड़ना चाहती है. पिछले विधानसभा चुनाव में बीजेपी ने 122 सीटें जीती थीं और शिवसेना ने 63. अब शिवसेना ज्यादा सीटों पर प्रत्याशी खड़े करना चाहती थी लेकिन बीजेपी ने इरादा बदल लिया है. इसकी नाराजगी शिवसेना के मुखपत्र सामना के जरिए खुलकर सामने आ गई है. जिसके मुताबिक शिवसेना बीजेपी के राष्ट्रवाद के मुद्दे के खास समर्थन में नहीं है. साथ ही ये भी कह चुकी है कि बीजेपी ने सब तय कर लिया है अब सिर्फ ईवीएम का बटन दबाना बाकी है. ये नाराजगी अमित शाह के उस बयान की तरफ इशारा कर रही है जिसमें उन्होंने कहा कहा था कि देवेंद्र फडणनवीस ही महाराष्ट्र के अगले मुख्यमंत्री होंगे.