हनी ट्रैप मामले की जांच सवालों के घेरे में हैं. उसकी वजह है एसआईटी में हुआ बदलाव. एसआईटी यानि कि विशेष जांच दल के गठन के चौबीस घंटे बाद ही इसमें बड़ा बदलाव कर दिया गया है. आईजी (सीआईडी)श्रीनिवास वर्मा के स्थान पर एटीएस के एडीजी संजीव शमी को एसआईटी चीफ बनाया गया है. बताया जा रहा है कि राज्य सरकार श्रीनिवास वर्मा की क्षमताओं से संतुष्ट नहीं थी. इसलिए चंद ही घंटे बाद उन्हें हटा दिया गया. श्रीनिवास वर्मा के अलावा एसआईटी में 25वीं बटालियन के कमांडर मनोज कुमार सिंह भी थे. जिन्होंने मंदसौर गोलीकांड के वक्त तत्कालीन कांग्रेस अध्यक्ष राहुल गांधी को गिरफ्तार किया था. मनोज कुमार सिंह को भी एसआईटी से हटा दिया गया है. 24 घंटे के अंदर पुलिस मुख्यालय ने एक टीम बनाई, उसे भंग किया और फिर दूसरी टीम तैयार की. जिसमें संजीव शमी के अलावा इंदौर की एसएसपी रूचि वर्धन मिश्रा, भोपाल साइबर सेल के एसपी विकास शहवाल, इंदौर साइबर सेल के एसपी जितेंद्र सिंह, इंदौर क्राइम ब्रांच के एडीशनल एसपी अमरेंद्रर सिंह, भोपाल सीआईडी इंस्पेक्टर नीता चौबे एवं मनोज शर्मा के अलावा पलासिया थाने के प्रभारी शशिकांत चौरसिया को शामिल किया गया है.