आखिरकार शिवसेना को बीजेपी के आगे घुटने टेकने ही पड़े. हालांकि अभी इस बात की औपचारिक घोषणा नहीं हुई है. पर ये तय है कि शिवसेना के दिग्गज नेता भी बीजेपी से अपनी बात मनवाने में नाकाम रहे हैं. अब तक शिवसेना इस बात पर अड़ी थी कि उसे पिछली बार की तुलना में ज्यादा सीट से लड़ने का मौका दिया जाए. लेकिन नमो रथ पर सवार बीजेपी को जीत पर पूरा यकीन है. इसलिए बीजेपी शिवसेना की इस बात को मानने के लिए तैयार है. अब सियासत का सूरतेहाल ये है कि बीजेपी तो अपने दम पर लड़ कर जीत भी सकती है लेकिन शिवसेना के लिए ये जरा मुश्किल है. लिहाजा शिवसेना ने हार मान लेना ही मुनासिब समझा है. सूत्रों के मुताबिक बीजेपी 144 और शिवसेना 126 सीटों पर चुनाव लड़ेगी. बची हुई सीटों पर सहयोगी दल चुनाव लड़ेंगे. यानि बीजेपी शिवसेना से ज्यादा सीटों पर ही चुनाव लड़ेगी और जीतने की गुंजाइश भी ज्यादा ही है.