मध्यप्रदेश के कैबिनेट मंत्री गोविंद सिंह के घर ज्योतिरादित्य सिंधिया के लिए रखे गए डिनर में कुछ तो खास बात थी. यूं तो टेबल पर पकवानों की कमी न थी. पर कुछ पकवान ऐसे भी थे जो टेबल पर नहीं दिखे लेकिन थाली में जरूर परोसे गए. जिसने थाली का जायका तो बदला ही शब्दों का स्वाद भी बदल गया. इस डिनर में अपनेपन का तड़का ऐसा लगा कि शब्दों का तीखापन खत्म हो गया. तारीफों की चाश्नी से लबरेज मिष्ठान नजर नहीं आए लेकिन उसकी मिठास अब तक जुबान पर चढ़ी हुई है. दाल चावल की जगह भी शायद दांव पेंच ही होंगे जिसनें धुर विरोधियों को भी अपना बना दिया. दरअसल गोविंद सिंह दिग्विजय खेमे के मंत्री हैं लेकिन जब से सिंधिया के साथ डिनर किया है तब सिंधिया की शान में कसीदे काढ़ रहे हैं. अब तक सिंधिया का विरोध करने वाले गोविंद सिंह अचानक उन्हें पार्टी में दूसरे नंबर का नेता बता रहे हैं. साथ ही ये कहने से भी नहीं चूके उन्हें अपने क्षेत्र की जनता की फिक्र है. अब ये बात तो ठीक थी. लेकिन सिंधिया को सीएम के बाद दूसरे नंबर पर रख तो दिया है पर ये नहीं बताया कि अब उनके पुराने आका दिग्विजय सिंह किस नंबर पर हैं. क्या एक ही डिनर के बाद गोविंद सिंह ने दिग्विजय सिंह को तीसरी पायदान पर लुढ़का दिया है.