एक और जहां आम आदमी के श्मसान के नाम से पसीने छूट जाते हैं वहीं रतलाम के त्रिवेणी श्मसान में लोग परिवार के साथ सजधज कर अपने साथ फूल माला, दीपक और पटाखे लेकर पहुंचे… श्मसान में फूलों और रंगों की रंगोली बनाई गई और उसी रंगोली पर दीये जलाये गए.. श्मसान में जहां शवों का अंतिम संस्कार किया जाता है.. वहां परिवार के साथ दीप प्रज्वलित कर पूजा अर्चना की गई… जी हां यह नजारा रतलाम के त्रिवेणी स्थित श्मसान शनिवार शाम का था… यहां मान्यता यह है कि दीपोत्सव का दूसरा दिन नरक चौदस (यम चौदस) के रूप से भी जाना जाता है… आज शहर वासियों ने मुक्तिधाम पहुंचकर दिये लगाकर पूजा-अर्चना कर आतिशबाजी छोड़ी… शास्त्रों के अनुसार इस दिन हमें हमारे पूर्वजों की आत्मा की शांति के लिए यमराज को दीपदान करना चाहिए…