क्या दिवाली की बधाई देने विरोधी दल का नेता अपने प्रतिद्वंद्वी के घर जाएगा. और अगर आने जाने को आम बात मान भी ली जाए तो क्या ऐसे समय जाएगा जब प्रदेश में सियासी सरगर्मियां जोरो पर हैं. महाराष्ट्र शिवसेना के प्रवक्ता संजय राउत की एक मुलाकात ने भी सियासी सरगर्मियों को खासी हवा दे दी है. उस वक्त जब प्रदेश में सरकार बनाने को लेकर उठापटक चल रही है. उस वक्त जब बीजेपी और शिवसेना गठबंधन को तोड़ कर दूसरे से गठजोड कर सकती हैं उस वक्त संजय राउत ने उस व्यक्ति से मुलाकात की है जो उनका और उनकी पार्टी का धुरविरोधी है. वो भी ठीक उस बैठक के बाद जिसमें शिवसेना ने एक बार फिर अपना सख्त रवैया जाहिर कर दिया. और बीजेपी से कह दिया कि जो तय हुआ उससे कम पर मानेंगे नहीं और उससे ज्यादा कुछ मांगेंगे नहीं. इस बैठक के बाद राउत ने मुलाकात की उस व्यक्ति से जो उनकी पार्टी की विचारधारा से बिलकुल अलग है. उस एनसीपी के मुखिया शरद पवार से मिले राउत. और जैसा कि अंदाजा था अटकलें लगेंगी. कयास लगाए जाएंगे. और राजनीति के बाजार में नए नए किस्से गर्माएंगे वैसा हुआ भी अब बंद दरवाजे में हुई इस बैठक के मायने क्या हैं ये तो कुछ वक्त बाद पता चल ही जाएगा. फिलहाल राउत मुलाकात को कुछ यूं डिफाइन कर रहे हैं कि ये तो दिवाली की सप्रेम भेंट थी. भई सरकार बनानी है तो आपसी प्रेम बढ़ाना भी तो जरूरी है ही.