कांग्रेस प्रदेश अध्यक्ष पद की घोषणा में अब लगता है कुछ ही दिन बाकी हैं… और झाबुआ उपचुनाव जीतने के बाद कमलनाथ की पहली पसंद भूरिया बने हुए हैं… सिंधिया के नाम की रत्ती भर भी कहीं पूछ परख नहीं है… यहां भी लगता है कि कमलनाथ अपनी चाल में कामयाब होते दिख रहे हैं… एक तरफ सिंधिया और उनके गुट के मंत्री सिंधिया को प्रदेश अध्यक्ष बनाए जाने को लेकर हरसंभव प्रयास करते रहे हैं… वहीं कमलनाथ भी सिंधिया को हाशिए पर लाने के पूरे प्रयास करते रहे हैं… वहीं सिंधिया के प्रदेश सरकार पर निशाने और पार्टी के सभी कार्यक्रमों से दूरी भी सिंधिया के मूड को समझने में मददगार है… लगता है कि कमलनाथ अब कांतिलाल भूरिया को कांग्रेस का प्रदेश अध्यक्ष बनाकर सिंधिया नाम का कांटा भी निकाल फेंकने में कामयाब होंगे और प्रदेश की राजनीति के चाणक्य के नाम का तमगा अपने पास सुरक्षित रखेंगे