कांग्रेस ने एक बार फिर ज्योतिरादित्य सिंधिया को प्रदेश से बाहर का रास्ता दिखा दिया है. प्रदेश में सरकार बनने का एक साल पूरा होने आया. प्रदेश में जीत के लिए सीएम कमलनाथ के साथ कंधे से कंधा मिलाकर लड़ने वाले सिंधिया अब तक पद का इंतजार ही कर रहे हैं. पर कांग्रेस हर बार कोई नई जिम्मेदारी देकर उन्हें पार्टी प्रदेशाध्यक्ष के पद से दूर कर देती है. पहले लोक सभा चुनाव, फिर महाराष्ट्र चुनाव के नाम पर उन्हें प्रदेश से बाहर का रास्ता दिखाया जाता रहा. अब एक बार फिर कांग्रेस ने उन्हें मध्यप्रदेश की राजनीति से बाहर कर दिया है. महाराष्ट्र चुनाव में सिंधिया स्क्रीनिंग कमेटी में शामिल थे. हालांकि वहां ये आरोप भी लगे कि सिंधिया ने प्रत्याशी चयन ठीक से नहीं किया. न ही प्रचार में उनकी कोई खास ऊर्जा नजर आई. फिर भी पार्टी ने उन्हें झारखंड चुनाव की जिम्मेदारी दे दी है. झारखंड चुनाव के स्टार प्रचारकों में सिंधिया शामिल हैं. औऱ उनके समर्थक कैबिनेट मंत्री उमंग सिंगार को भी स्टार प्रचारक बनाया गया है. अब कांग्रेस उन्हें ऐसी ही जिम्मेदारी के लायक मानती है या फिर उन्हें सूबे की सियासत से दूर करने की कोई योजना है फिलहाल ये कहना मुश्किल है.