अब ये सवाल तो महाराष्ट्र में उठना लाजमी ही है कि पीके है क्या. महाराष्ट्र के नए नवेले सीएम उद्धव ठाकरे हां कहें या न कहें पर सच तो यही है कि पीके है. यकीन न हो तो ये तस्वीर देख लीजिए. अब उद्धव जब भी इस तस्वीर को देखते होंगे यही कहते होंगे खूब जमेगा रंग जब मिल बैठेंगे तीन यार मैं, आदित्य और पीके. पूरे देश में सियासी जगत में ये शख्स पीके के नाम से ही तो फेमस है. वैसे पूरा नाम है प्रशांत किशोर. कभी जिनके सिर पीएम मोदी और बीजेपी की जीत का सेहरा सजा था. लेकिन जब मोदी से बात बिगड़ी तो बिहार के मुख्यमंत्री नितीश कुमार के साथ हाथ मिला लिया. फिलहाल उनके पास नितीश की पार्टी में रौबदार पद भी है. बहरहाल वापस लौटते हैं इस तस्वीर पर. ये तस्वीर लोकसभा चुनाव से पहले की है. जब उद्धव ठाकरे और पीके की मुलाकात हुई. उसके बाद से कहा जा रहा है कि पीके ही शिवसेना की रणनीति तय कर रहे हैं. हालांकि जब विधानसभा चुनाव में शिवसेना की सीटें घटीं तब बीजेपी नेताओं ने खुलेआम पीके पर निशाना भी साधा. उसके बाद भी ये माना गया कि ठाकरे प्रशांत किशोर की रणनीति पर ही काम कर रहे हैं और अपनी मांग पर अड़े हुए हैं. और अब जब तमाम सियासी दांव पेंचों को अंजाम देकर ठाकरे सीएम की कुर्सी तक पहुंच चुके हैं. तब गुपचुप तरीके से ये सवाल पूछा ही जा रहा है कि ठाकरे की कामयाबी के पीछे पीके है क्या. और जवाब तो आप खुद ही समझ सकते हैं.