एक बार लोकसभा चुनाव क्या हारे उन्होंने अपनी पार्टी कांग्रेस का दामन छोड़ कर बीजेपी का दामन थाम लिया है. कांग्रेस से इस्तीफा देने से पहले सिंधिया ने अपने इस्तीफे में लिखा कि वक्त मूव ऑन करने का है. ये भी लिखा कि अब कांग्रेस में रह कर लोकसेवा कर पाना मुश्किल हो रहा था. सिंधिया ने अपनी नाराजगी तो जता दी लेकिन अब बारी कांग्रेस की है. सिंधिया के इस्तीफे के बाद कांग्रेस ने ट्वीट कर एक लिस्ट जारी की है. और ये बताने की कोशिश की है कि बीते 18 सालों में पार्टी ने सिंधिया को क्या क्या दिया. एमपी कांग्रेस ने अपने ट्वीट में लिखा कि पार्टी ने उन्हें 17 साल सांसद बनाया, 2 बार केंद्रीय मंत्री बनाया, मुख्य सचेतक, राष्ट्रीय महासचिव, यूपी प्रभारी, कार्यसमिति का सदस्य, चुनाव अभियान प्रमुख भी बनाया और चुनाव में पचास से ज्यादा टिकट उनके समर्थकों को दिए जिनमें से नौ को मंत्री पद भी दिया. इसके बाद कांग्रेस ने सवाल भी किया है कि सिंधिया इसके बाद भी मोदी और शाह की शरण में हैं. अब सिंधिया ने कितना सही किया कितना गलत ये आने वाले सियासी लम्हे ही बताएंगे.