Rahul Gandhi ने इशारे में जो कहा, वो पहले कह देते तो Jyotiraditya scindhia शायद Congress में ही रहते

ज्योतिरादित्य सिंधिया ने कांग्रेस छोड़ कर बीजेपी में शामिल होने के संकेत दिए. सियासी हलकों में ये खलबली तकरीबन चार दिन पहले से मची हुई थी. सिंधिया कभी भी पार्टी छोड़ सकते हैं. खबरों का बाजार गर्म रहा कभी खबर आई कि सिंधिया कहीं नहीं जाएंगे. कभी खबर आई कि सिंधिया को रोकने के लिए कांग्रेस ने एड़ीचोटी का जोर लगा दिया है. अंत में ये खबर आई कि सोनिया गांधी ने सिंधिया से मिलने का समय नहीं दिया. और इसके बाद सीधे सिंधिया का इस्तीफा ही आया. इस बची हर कोई ये जानने की कोशिश में लगा रहा कि सिंधिया के इस फैसले पर राहुल गांधी और प्रियंका गांधी का क्या कहना है. राहुल से सिंधिया की नजदीकियां किसी से छिपी नहीं थी. कई मौकों पर सिंधिया राहुल गांधी के सलाहकार बने नजर आए. उत्तरप्रदेश में प्रियंका गांधी के साथ कंधे से कंधा मिलाकर प्रचार करते रहे. पर उनके इतने बड़े कदम पर पूरा गांधी परिवार खामोश रहा. अब जब सिंधिया विधिवत रूप से बीजेपी का हिस्सा बन चुके हैं तब राहुल गांधी की प्रतिक्रिया सामने आती है. राहुलगांधी ने कहा कि सिंधिया ही एकमात्र ऐसे नेता थे जिनके लिए मेरे घर के दरवाजे हमेशा खुले रहे. पर इन खुले दरवाजों से गुजर कर शायद सिंधिया को दर्द सुनाने की मनाही रही. शायद इसलिए ये फैसला लिया. राहुल गांधी ने एक बार फिर वही तस्वीर रीट्वीट की है जो कमलनाथ को सीएम बनाते समय की थी. लियो टॉलस्टॉय को कोट करते हुए लिखा था The two most powerful warriors are patience and time. पर अफसोस सिंधिया का धैर्य छूट गया और समय कमलनाथ सरकार के पास बहुत कम बचा है.

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