मध्यप्रदेश में दिग्विजय सिंह की सरकार का दौर आपको याद ही होगा. जिसमें दो दो उपमुख्यमंत्री थे. एक उपमुख्यमंत्री थीं जमुना देवी और दूसरी थे सुभाष यादव. हो सकता है एक बार फिर मध्यप्रदेश यही दौर देखे. यहां एक बार फिर दो दो उपमुख्यमंत्री हों. उसकी वजह भी बड़ी ठोस है. कमलनाथ सरकार को गिराने के बाद पूरे दम से बीजेपी में आए सिंधिया समर्थकों की आवभगत करना बीजेपी की मजबूरी है. साथ ही उन नेताओं को भी भुलाया नहीं जा सकता जिन्होंने ताजपोशी में अहम भूमिका अदा की है. लिहाजा अब ये फैसला लिया जा सकता है कि मध्यप्रदेश में एक नहीं दो उपमुख्यमंत्री हों. जिनमें से एक होंगे सिंधिया के करीबी तुलसीराम सिलावट और दूसरे होंगे नरोत्तम मिश्रा. जिन्होंने इस बार शिवराज की सरकार बनवाने में खूब मेहनत भी की है.