जिस शहर में पूरे एक महीने यानि कि 30 दिन में 130 जनाजे उठते थे. उस शहर में पिछले छह ही दिनों में 127 जनाजे उठे हैं. ये हाल देश के सबसे साफ शहर इंदौर का है. जहां मौत का सिलसिला लगातार जारी है. दैनिक भास्कर की एक रिपोर्ट के मुताबिक शहर के मात्र चार कब्रिस्तान में छह दिन में 127 शव दफनाए गए और सातवें दिन ये संख्या 145 तक पहुंच गई.
मोटेतौर पर देखा जाए तो हर दिन तकरीबन बीस शव उन चार कब्रिस्तानों में दफनाए जा रहे हैं जो क्वारेंटाइन इलाकों के नजदीक है. इस खुलासे के बाद इंटेलिजेंस, एसटीएफ और पुलिस की टीम भी सक्रिय हो गई है. और इन कब्रिस्तानों से मरने वालों के सारे डिटेल निकलवाए हैं. आंकड़े चौंकाने वाले हैं महू नाका कब्रिस्तान में जनवरी में पचास, फरवरी में 37, मार्च में 46 और एक से सात अप्रैल के बीच ही 46 शव दफनाए गए, खजराना कब्रिस्तान में जनवरी में तीस, फरवरी में 33, पूरे मार्च में 20 जबकि अप्रैल के पहले हफ्ते में 29 शव दफनाए गए. सिरपुर कब्रिस्तान का हाल भी कुछ ऐसा ही है जहां जनवरी में 13, फरवरी में 14, मार्च में 28 औऱ सात अप्रैल तक 24 जनाजे दफन हुए. लुनियापुर कब्रिस्तान की बात कर लेते हैं. यहां मार्च में 36 शव दफनाए गए. जब एक से सात अप्रैल के बीच 46 जनाजे पहुंचे.
इस खबर से इंदौर प्रशासन भी सकते में हैं, अंदेशा है कि लोग कोरोना के संक्रमण की खबर छुपा रहे हैं. आला प्रशासनिक अधिकारी खुद निजीतौर पर इन आंकड़ों पर गौर कर रहे हैं. और ये जानने की कोशिश में लगे हैं कि कहीं हालाता जितने दिख रहे हैं उससे भी ज्यादा गंभीर तो नहीं. संभागायुक्त आकाश त्रिपाठी ने भी साफ कर दिया है कि इस बीमारी को छुपाने की कोशिश की गई तो सख्त कार्रवाई की जाएगी.