ज्योतिरादित्य सिंधिया हर बार एक नया रूप दिखा रहे हैं. पहले उमा भारती से मिले और उसके बाद बस चलाते दिखाई दिए. पर जो स्टेयरिंग सिंधिया ने थामा उसमें न जाने क्या चमत्कार था जिसे छूते ही सिंधिया के दिल का दर्द छलक उठा. सिंधिया ने कहा कि मैं तो कब से आपकी गाड़ी चला रहा हूं. पर सवाल ये है कि मेरी गाड़ी कौन चला रहा था. सिंधिया ने ये बात कही उन मंत्रियों से जो सिंधिया के बेहद करीबी माने जाते हैं. जिनमें तुलसीराम सिलावट, इमरती देवी, प्रभु राम चौधरी, गोविंद राजपूत शामिल हैं. अब इसके मायने तो यही निकाले जा रहे हैं कि सिंधिया के करीबी हो कर इन नेताओं ने रूतबा पा लिया लेकिन सिंधिया को कुछ नहीं मिला. अब मंत्री अपने महाराजा का किलपन समझ गए तो अच्छा है वर्ना तो इसे मजाक समझ कर नजरअंदाज किया ही जा सकता है.