मध्यप्रदेश में महाराज और कमलनाथ की बयानबाजी के बीच अब नए किस्म की राजनैतिक
अटकले सामने आ गई है। अटकले लगाई जा रही है कि अब महाराजा खुद सरकार में एंट्री
करेगे लेकिन कैसे ये सबसे बडा सवाल है। हम आपको बताते है कि सिधिया का चुनावी
मैदान तक जाने का रास्ता क्या हो सकता है। मध्यदेश में हाल ही में विधानसभा के दो
उपचुनाव होने है। ये उपचुानव जौरा और आगर मालवा में है। खबरे है कि जौरा से सिधिया
जौरा से विधानसभा चुनाव लड सकते है चूकि जौरा की सीट कांग्रेस के ही पास थी और
ग्वालियर चंबल इलाका होने के चलते कही न कही सिधिया के समर्थक भी बहुत है ऐसे में
कयास है कि सिधिया उस सीट से विधायक का चुनाव लड सकते है। संगठन के स्तर पर यहा बीजेपी बहुत कमजोर है और साथ ही प्रदेश में कांग्रेस के सरकार है इन सारी बातो का सीधा सीधा फायदा सिंधिया को ही होगा । इन सबसे बडी बात ये भी है कि बात बात मुख्यमंत्री कमलनाथ को चिट्ठी लिखने वाले सिधिया जब खुद सरकार का हिस्सा बनेगे तो खुद की राजनैतिक वजूद की लडाई के साथ साथ जनता की लडाई भी आसानी से लड सकेगे। हालाकि ये बडा सवाल है कि महाराज सिंधिया सरकार में आकर क्या करेंगे
क्या सरकार में आने के बाद कमलनाथ सिंधिया को उपमुख्यमंत्री जैसा कोई पद दे देगे या सिंधिया केवल कमलनाथ के मंत्री बनकर रह जाऐंगे या हो सकता है कि सरकार में आते ही सिधिया की तकरार कमलनाथ के साथ बढ जाए।