Gas tragedy: वो एक गलती जिसने टैंकर नंबर 610 को बनाया मौत का टैंकर
नवंबर का महीना जाने को है और दिसंबर की आहट सुनाई देने लगी है. गुलाबी सर्दियों की रंगत भी जरा गाढ़ी हो रही है. शाम ढलते ढलते सर्द हवा ठिठुरने पर मजबूर कर रही है. कभी कभी कोहरा भी नजर आता है. कुछ ऐसी ही धुंध आज से पैंतीस साल पहले भी भोपाल के आसमान […]