#ajitjogi
#chattisgarh
#jccj
मध्य प्रदेश से अलग होकर छत्तीसगढ़ बनने की कहानी जटिल है उतनी ही दिलचस्प है अजीत जोगी के छत्तीसगढ़ के मुख्यमंत्री बनने की कहानी । पहले मैकेनिकल इंजीनियरिंग फिर आईपीएस में सिलेक्ट हो ना उसके बाद आईएएस में सिलेक्ट होकर कलेक्टर बनना। अजीत जोगी के करियर की शुरुआत इसी तरह से हुई। लेकिन एक दिन एक फोन ने उनकी जिंदगी बदल दी यह साल था साल 1985। उस वक्त अजीत जोगी इंदौर के कलेक्टर थे अचानक एक रात उनके पास एक फोन आया। फोन के दूसरी तरफ तत्कालीन प्रधानमंत्री राजीव गांधी थे । फोन पर क्या बात हुई यह कोई नहीं जानता लेकिन उस बातचीत के थोड़ी ही देर बाद अजीत जोगी कलेक्टर से कांग्रेस नेता बन चुके थे। उस वक्त राजीव गांधी पार्टी के लिए युवा शक्ति को टटोलने में लगे हुए थे दिग्विजय सिंह एक चेहरा उन्हें मिल ही चुका था और दूसरा नाम था अजीत जोगी का । एक तेजतर्रार आईएएस अफसर जो बोलने से कभी झुकता नहीं था ।इससे पहले अजीत जोगी सीधी और शहडोल में भी लंबे वक्त तक कलेक्टर रहे थे और वहां वह यह समझ चुके थे कि प्रदेश में किसी का सिक्का चलता है तो वह है अर्जुन सिंह । कलेक्टर रहते हुए उन्होंने अर्जुन सिंह के साथ नजदीकियां बढ़ाने में कोई कसर नहीं छोड़ी लिहाजा कांग्रेस में उन्हें अर्जुन सिंह का साथ भी मिलता रहा। फिर आया साल साल 1993 और सवाल उठा कि मध्य प्रदेश का मुख्यमंत्री कौन होगा दिग्विजय सिंह के साथ-साथ अजीत जोगी मुख्यमंत्री पद के लिए दवा ठोक दिया। यहीं से दो दोस्तों के बीच दुश्मनी का सिलसिला शुरू हुआ। हालांकि सीएम पद की दौड़ में उस वक्त दिग्विजय सिंह की ही जीत हुई। कुछ 7 साल ही बीते होंगे कि मध्य प्रदेश और छत्तीसगढ़ अलग हो गए। एक बार फिर अजीत जोगी के सामने मौका था अपनी तकदीर चमकाने का। क्योंकि पार्टी आलाकमान चाहते थे कि छत्तीसगढ़ की मांग पूरी करते हुए आदिवासी चेहरे को मौका मिले। पर उस वक्त कांग्रेस के कई दिग्गज और बड़े नेता भी अपनी दावेदारी रख रहे थे । एक बार फिर पार्टी को याद आई दिग्विजय सिंह की क्योंकि ज्यादातर नेता उन्हीं के पक्ष के थे जो विधायक दल के नेता के रूप में अजीत जोगी को चुन सकते थे । पर मुश्किल थी पुरानी दुश्मनी की। उस वक्त पार्टी के आलाकमान सोनिया गांधी हो चुकी थी। जिनके आदेश को ना मानना दिग्विजय सिंह के लिए तकरीबन नामुमकिन था। दिग्विजय सिंह ने इस पर अमल किया और अजीत जोगी को छत्तीसगढ़ का मुख्यमंत्री बनवाया । इस तरीके से दुश्मन ने अजीत जोगी के सीएम बनने का रास्ता साफ किया। सीएम बनने के बाद भी अजीत जोगी जिंदगी में कई दिलचस्प मोड़ आए । छत्तीसगढ़ के सीएम रहे इसके बाद कुछ विवादों के चलते उन्हें कांग्रेस छोड़नी पड़ी और उन्होंने खुद अपनी पार्टी जेसीसीजे यानी कि जोगी कांग्रेस का गठन किया। और अब तक उसके अध्यक्ष रहे।