बिहार में चुनावी शंखनाद होने में ज्यादा वक्त नहीं बचा है. और लालू प्रसाद यादव के बागी बेटे तेज प्रताप यादव का कहीं कोई अतापता नहीं है. कभी वो अचानक बिहार में प्रकट हो जाते हैं तो कभी अचानक गायब हो जाते हैं. और किसी अन्य प्रदेश में पाए जाते हैं. वैसे लोकसभा चुनाव में भी तेज प्रताप ज्यादा सक्रिय नहीं रहे. कुछ दिन पहले वो माता के जागरण में नजर आए. उससे पहले दिवाली और गोवर्धन पूजा के दौरान वो अलग ही भेस में गोसेवा में मग्न नजर आए. और जमुना नदी के हाल देख कर दुखी भी हुए. सोशल मीडिया पर यूपी सरकार के खिलाफ आंदोलन की चेतावनी भी दे दी. पर ये आंदोलन कब होगा इस बारे में कोई जिक्र नहीं किया. एक तरफ उनके भाई तेजस्वी यादव पूरी संजीदगी से सियासी सफर तय कर रहे हैं. दूसरी तरफ तेजप्रताप नए नए शगूफों के साथ नजर आ रहे हैं. लोकसभा चुनाव के दौरान भी जब उनकी पूछ परख कम हुई तो उन्होंने लालू राबड़ी मोर्चा नाम से नई पार्टी बना ली. उसके तीन प्रत्याशी हार गए तो फिर वो बैकफुट पर आ गए. अब बिहार, लालू परिवार और राजद को फिर इंतजार है तेजप्रताप की वापसी का. ताकि राजद को एक और चश्मोचिराग वापस मिल सके.