जाको राखे साइया मार सके न कोई ये पंक्तियां बिलकुल सही साबित होता हैं सनावद की भारती प्रकाश पर जो 96 घंटे से जिंदगी और मोत के बिच उलझी हुई थी. भूखी प्यासी 40 फीट गहरे सूखे कुएं में पैर टूटने के बाद भी 16 वर्षीय भारती की जीने की चाह कायम रखी . भारती अपने घर से शौच के लिए निकली थी और आंघेरा होने की वजह से कुएं में गिर गई . और गिरने के कारण उसका पैर भी टूट गया. उसने आवाज देकर ग्रामीणों बुलाया और शाम 5 बजे ग्रामीणों ने भारती को खटिया के सहारे निकाला उसके बाद भारती को बड़वाह के शासकीय अस्पताल में भरती किया गया