कहा जा रहा है कि नरेंद्र मोदी सरकार जल्द ही जम्मू कश्मीर से धारा 35A खत्म करने जा रही है। इस खबर से ही जम्मू कश्मीर सहित पूरे देश में बवाल मचा हुआ है। नेशनल कांफ्रेंस के नेताओं ने धारा 35A हटाने पर जनविद्रोह की धमकी दी है। कुछ ऐसी ही बात पीडीपी की महमूदा मुफ्ती कर रही हैं। सवाल ये उठ रहा है कि आखिर धारा 35A क्या है और इस धारा के हटने पर क्या हो जाएगा? हम आपको बताते हैं कि आखिर धारा 35A क्या है-
धारा 35A मूल रूप से धारा 370 का हिस्सा है। धारा 35A के जरिए जम्मू-कश्मीर की विधान सभा को यह अधिकार मिलता है कि वह राज्य के ‘स्थायी नागरिक’ की परिभाषा तय कर सके। यानी जम्मू कश्मीर की सरकार को ये अधिकार है कि वो आजादी के वक्त दूसरी जगहों से आए शरणार्थियों और अन्य भारतीय नागरिकों को जम्मू-कश्मीर में कोई अधिकार और सहूलियतें देने से मना कर सकती है। इस धारा की वजह से भारत के किसी अन्य राज्य का नागरिक जम्मू-कश्मीर में ना तो प्रॉपर्टी खरीद सकता है और ना ही वहां का स्थायी नागरिक बनकर रह सकता है। धारा 35A के मुताबिक जम्मू-कश्मीर की कोई लड़की अगर किसी बाहर के लड़के से शादी कर लेती है तो उसके सारे अधिकार खत्म हो जाते हैं। साथ ही उसके बच्चों के अधिकार भी खत्म हो जाते हैं। 1956 में जम्मू कश्मीर का अलग संविधान बनाया गया था। इस संविधान के मुताबिक जम्मू कश्मीर का स्थायी नागरिक वो व्यक्ति है जो 14 मई 1954 को राज्य का नागरिक रहा हो या फिर उससे पहले के 10 वर्षों से राज्य में रह रहा हो। साथ ही उसने वहां संपत्ति हासिल की हो। 14 मई 1954 को भारत के तत्कालीन राष्ट्रपति डॉ. राजेंद्र प्रसाद के एक आदेश के जरिए भारतीय संविधान में धारा 35A जोड़ी गई। हालांकि संविधान सभा से लेकर संसद की किसी भी कार्यवाही में, धारा 35A को संविधान का हिस्सा बनाने के संदर्भ में किसी संविधान संशोधन या बिल लाने का जिक्र नहीं मिलता है। सुप्रीम कोर्ट में दायर एक याचिका में लोगों ने शिकायत की थी कि धारा 35A के कारण संविधान प्रदत्त उनके मूल अधिकार जम्मू-कश्मीर राज्य में छीन लिए गए हैं, लिहाजा राष्ट्रपति के आदेश से लागू इस धारा को रद्द किया जाए। केंद्र की सत्ताधारी पार्टी बीजेपी ने भी अपने ‘संकल्प पत्र’ में जम्मू कश्मीर में लागू धारा 35A और 370 को खत्म करने की बात कही है। इस धारा के हटने से जम्मू कश्मीर भी देश के दूसरे राज्यों के समान विकास की मुख्य धारा में तो शामिल होगा ही। देश के दूसरे राज्यों के लोगों को जम्मू कश्मीर में बसने और कारोबार करने की सुविधा मिलेगी। हालांकि जम्मू कश्मीर के अलगाववादी नेता और राजनैतिक दल धारा 35A को हटाए जाने पर जनविद्रोह की धमकी दे रहे हैं। और इसी आशंका के मद्देनजर सरकार ने जम्मू में अतिरिक्त सुरक्षा बल भी तैनात कर दिए हैं।