गर्भ में भ्रूण का लिंग परीक्षण अपराध माना जाता है. ये नियम तब लागू होता है जब ये काम किसी क्लीनिक में डॉक्टर के जरिए हो. आम लोगों का क्या है उन्हें तो बस मौका मिलना चाहिए किसी भी तरह से ये जानने का कि खुशखबरी किस रूप में घर आने वाली है बेटा बन कर या बिटिया के रूप में. और ये पहाड़ उन्हें देता है इस सवाल का जवाब. जहां उछाला एक पत्थर बता देता है कि गर्भ में लडका है या लड़की. ये मान्यता आज से नहीं चार सौ साल से चली आ रही है. जब यहां नागवंशी राजाओं का राज था. आसपास के लोगों का दावा तो ये भी है कि चार सौ साल से अब तक इस पहाड़ और पत्थर ने कभी गलत भविष्यवाणी नहीं की. ये पहाड़ झारखंड के लोहरदगा के खुखरा गांव में है. जिस पर बनी है एक चांद की आकृति अब अगर उछाला हुआ पर्वत चांद के अंदर लगा तो बेटा होना तय है और अगर कहीं चांद के बाहर लगा तो बिटिया ही होगी. बस ये काम उस महिला को ही करना होगा. जो ये जानना चाहती है कि उसके गर्भ में क्या है. अब इस तथ्य में सच्चाई कितनी है ये तो कहा नहीं जा सकता. पर इस पहाड़ पर गांव वालों का भरोसा तो काबिले तारीफ है. ये अंधविश्वास भी निकले तो कोई ताज्जुब नहीं होगा.