महाराष्ट्र की राजनीति ने जिस तेजी से पलटी खाई है उसमें सबसे बड़ी भूमिका अदा की है एनसीपी नेता अजित पवार ने. अपने चाचा शरद पवार और पूरी पार्टी के खिलाफ जाकर अजित पवार ने बीजेपी को समर्थन दिया और रातोंरात महाराष्ट्र के डिप्टी सीएम बन गए. असल गेमचेंजर कौन है ये फिलहाल कहा नहीं जा सकता. क्योंकि अभी बहुत से पत्ते खुलना बाकी है. बहरहाल अभी तो ये जानना जरूरी है कि इस सियासी चाल के माहिर पवार ही हैं या उनसे पहले भी कोई ये पैंतरा आजमा चुका है. तो आपको बता दें कि तेरह साल पहले कर्नाटक में भी ऐसा ही सियासी ड्रामा हो चुका है. जिसमें मेन रोल निभाया देवगौड़ा ने. एचडी देवेगौड़ा ने नहीं उनके बेटे एचडी कुमारस्वामी यानि हरदहल्ली देवेगौड़ा कुमारस्वामी ने. जिनकी वजह से कांग्रेस और जीडीएस की गठबंधन वाली सरकार रातोंरात गिर गई. और कुमारस्वामी ने बीजेपी के साथ मिलकर सरकार बना ली. उस वक्त जेडीएस भी बीजेपी को अपना दुश्मन समझती थी. इस घटाना के बाद पूर्व प्रधानमंत्री देवगौड़ा ने चुप्पी साध ली. और कुमारस्वामी ने बेधड़क बीएस येदियुरप्पा के साथ मिलकर सरकार बनाई.