दिसंबर 1990- एक बहन को उसके भाइयों का खत मिलता है. जिसमें लिखा होता है. बहन तुम चिंता मत करना. तुम्हारी शादी से पहले हम घर वापस लौट आएंगे.’ भाई के इस वादे पर बहन को यकीन नहीं होता. बहन जानती है कि उसका भाई लाख कोशिशें कर ले तब भी उसकी शादी में नहीं आ सकता. इसलिए नहीं कि वो धोखेबाज है. बल्कि इसलिए क्योंकि वो भाई राम के नाम पर कुर्बान हो गया. नमस्कार मैं हूं जूही वर्मा, आप देख रहे हैं न्यूजलाइव एमपी डॉट कॉम पर अयोध्या, बाबर से मोदी तक. जिसमें आज सुनाने जा रही हूं उस भाई की कहानी जिसने बाबरी मस्जिद पर सबसे पहले भगवा लहराया.