झारखंड विधानसभा चुनाव में बीजेपी के हार के जख्म अभी भरे भी नहीं है कि उन्हें कुरेदने की तैयारी हो चुकी है. बिहार के मुसलमान और दलित दोनों ने बीजेपी के खिलाफ एक नया सियासी दांव चला है. जल्द ही यहां भी विधानसभा चुनाव होने हैं उससे पहले ही असदद्दुदीन ओवैसी और जीतन राम मांझी एक हो सकते हैं. दोनों 29 दिसंबर को एक साझा रैली कर रहे हैं. जिससे ये कयास लगाए जा रहे हैं कि दोनों एक होकर चुनाव लड़ सकते हैं. क्योंकि दोनों ही नेता सीएए और एनसीआर के खिलाफ हैं. दलित और मुसलमान एक होते हैं तो बीजेपी को इसका नुकसान ही होगा. नुकसान तो कांग्रेस को भी है. लेकिन ज्यादा घाटे में बीजेपी ही रहने वाली है.