पूर्व मुख्यमंत्री दिग्विजय सिंह ने राम मंदिर मुद्दे पर सुप्रीम कोर्ट के फैसले का स्वागत करते हुए कहा है कि मंदिर निर्माण के लिए बनाए जाने वाले ट्रस्ट में किसी भी राजनीतिक दल से जुड़ा हुआ व्यक्ति शामिल नहीं होना चाहिए.इसमें कुछ राजनीतिक संगठन फायदा उठाने की कोशिश करेंगे. उन्होंने देश के पूर्व प्रधान मंत्री नरसिम्हा राव के कार्यकाल का उदाहरण देते हुए कहा कि नरसिम्हा राव ने देशभर के शंकराचार्य और आचार्यों को मिलाकर राम मंदिर के लिए रामालय ट्रस्ट बनाया था. इसीलिए रामालय ट्रस्ट को ही राम मंदिर निर्माण का जिम्मा सौंपना चाहिए. उन्होंने कहा कि राम जन्म भूमि न्यास तो वर्ष 1980 के बाद आया. श्री सिंह ने राम मंदिर मुद्दे पर बीजेपी और आरएसएस पर भी निशाना साधते हुए पूंछा कि साल 1984 के पहले बीजेपी कहां थी.बीजेपी ने राजनीति करने के लिए राम मंदिर का मुद्दा उठाया था. अपने भाई कांग्रेस नेता लक्ष्मण सिंह के द्वारा उनके घर के बाहर प्रदर्शन करने से जुड़े सवाल को टालते हुए श्री सिंह ने कहा कि कोई व्यक्ति क्या अपने भाई के घर नहीं जा सकता? गोडसे को पूजने की घटना पर उन्होंने कहा कि ये उसी विचार धारा के लोग हैं जिन्होंने महात्मा गांधी की हत्या की दुख इस बात का है इस पर आरएसएस और बीजेपी दोनों मौन है।