https://youtu.be/773Chg-https://youtu.be/773Chg-HLL4
ज्योतिरादित्य सिंधिया को खुद को साबित करने का एक मौका और मिला था लेकिन वो उसमें भी चौंक गए. जबकि मुख्यमंत्री कमलनाथ अपने पहले इम्तिहान में पास हुए हैं वो भी डिस्टिंक्शन के साथ. दरअसल इस बार चुनाव में सिंधिया को पूरे महाराष्ट्र का जिम्मा सौंपा गया था. वो स्क्रीनिंग कमेटी के मुख्य सदस्य थे. लेकिन महाराष्ट्र में कांग्रेस का क्या हाल रहा ये नतीजों से जारी हो गया है. कांग्रेस यहां 44 सीटें ही जीत सकी हैं. वैसे भी चुनाव के दरम्यान भी सिंधिया पर गलत प्रत्याशी चयन के आरोप लगते रहे. कांग्रेस नेता संजय निरूपम का विरोध तो इस मामले में काफी मुखर भी रहा. दूसरी तरफ झाबुआ उपचुनाव के रूप में सीएम कमलनाथ का पहला इम्तिहान था. और ये कहना गलत नहीं होगा कि कमलनाथ ने इसे बखूबी पास किया है. जबकि सिंधिया इस चुनाव में प्रचार करने से भी कन्नी काटते रहे. सो अब उनका ये क्लेम कर पाना भी मुश्किल है कि झाबुआ में मिले प्रचंड वोट में उनका हिस्सा भी शामिल है. यानि ये खामोश बगावत लगातार सिंधिया की मुश्किलें बढ़ाती जा रही है.