Jhabua उपचुनाव के बाद बढ़ी कमलनाथ सरकार की मुश्किल

मध्यप्रदेश के सीएम कमलनाथ की असली परीक्षा अब शुरू हुई है. अब तक झाबुआ विधानसभा उपचुनाव के लिए हर फैसला टलता रहा. लेकिन अब सारी जिम्मेदारियां पूरी हो चुकी हैं. झाबुआ उपचुनाव तो सिर्फ ट्रेलर था. जिसमें कमलनाथ ने पास होकर साबित कर दिया कि वो राजनीति के कितने उम्दा खिलाडी हैं. पर असल इम्तिहान अभी बाकी है. क्योंकि अब प्रदेशाध्यक्ष पर फैसला भी होगा. और मंत्रीमंडल का विस्तार भी. झाबुआ में कांतिलाल भूरिया की जीत के बाद उन्हें प्रदेशाध्यक्ष बनाने की मांग उठने लगी है. अगर कमलनाथ भूरिया को प्रदेशाध्यक्ष बनाते हैं तो सिंधिया समर्थक नाराज हो जाएं. हो सकता है कि उसके बाद सिंधिया की नाराजगी पार्टी को भारी पड़ सकती है. यही हाल मंत्रिमंडल विस्तार के दौरान भी होगा क्योंकि जिन विधायकों को जोड़ कर कमलनाथ सरकार चला रहे हैं उनकी नाराजगी सिर्फ उन्हें ही नहीं पूरी पार्टी को झेलनी पड़ सकती है. इन मुश्किलों के बीच कमलनाथ जल्द ही पार्टी आलाकमान सोनिया गांधी से मुलाकात करने वाले हैं. यानि पांच तारीख वो दिन होगा जब सीएम कमलनाथ इस इम्तिहान को हल करेंगे. फिर वो पास होते हैं या फेल ये देखने वाली बात होगी.

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