जमशेद पूर्व से मुख्यमंत्री रघुवर दास को करारी शिकस्त देने वाले कोई और नहीं खुद बीजेपी के बागी प्रत्याशी सरयू राय हैं. जिन्होंने निर्दलीय इस सीट से चुनाव लड़ा. ये वही नेता हैं जिन्हें टिकट देने के बिलकुल खिलाफ थे अमित शाह. अमित शाह के इस फैसले पर खुद बीजेपी के कई नेता और बिहार के मुख्यमंत्री नितीश कुमार भी हैरान हुए थे. नीतीश सरयू राय के पुराने मित्र भी हैं. पटना यूनिवर्सिटी से अपनी पढ़ाई पूरी करने के दौरान ही नीतिश कुमार और सरयू राय सहपाठी हुआ करते थे, यही कारण है कि इन दोनों की दोस्ती आज भी वैसी की वैसी ही है. उस समय नीतिश समाजवादी युवजन सभा में थे जबकि सरयू राय अखिल भारतीय विद्यार्थी परिषद में थे. यहां तक कि 10 साल पहले जब सरयू राय बीजेपी से चुनाव हार गए थे तब भी बकौल नीतिश कुमार उन्होंने राय को बिहार की राजनीति में आने का न्योता दिया था लेकिन उस समय सरयू राय बीजेपी छोड़ने के मूड में नहीं थे. सरयू राय समय समय पर रघुवर दास के खिलाफ भी आवाज उठाते रहे हैं.