कांग्रेस के दिन बेहद खराब चल रहे हैं. विधायक छिटक रहे हैं. पर कमलनाथ खामोश हैं सिवाय चिट्ठी लिखने के फिलहाल उन्होंने कोई कार्रवाई की हो ऐसा नजर नहीं आता. दिग्विजय सिंह भी इस मामले पर खामोश हैं. लेकिन लक्ष्मण सिंह के लिए अब मामला बर्दाश्त के बाहर हो चुका है. वैसे भी लक्ष्मण सिंह बागी स्वभाव के हैं. ये किसी से छिपा नहीं है. इस बार भी टूटती हुई कांग्रेस को देखकर लक्ष्मण अपनी नाराजगी जाहिर करने से नहीं चूके. पर दूसरे कांग्रेसी नेता और लक्ष्मण सिंह की नाराजगी में बहुत अंतर है. बाकी कांग्रेसी विधायकों के टूटने पर बीजेपी को कोस रहे हैं. जब लक्ष्मण के निशाने पर बीजेपी नहीं अपनी ही पार्टी और खासतौर से कमनलाथ हैं. जिन्होंने लक्ष्मण सिंह ने निशाने पर लिया है. और लिखा है कि नारायण पटेल जैसे विनम्र और मृदुभाषी साथी का विधायक का पार्टी छोड़ करजाना बहुत दुखद है. वो किसी गुट के भी नहीं थे. फिर क्यों गए. इसके आगे कमलनाथ के ऑफिशियल ट्विटर हैंडर को टैग करते हुए उन्होंने नसीहत दी है कि चिंतन करें. आपको याद दिला दें कि इससे पहले भी विधायकों के पार्टी छोड़ने पर अलग अलग नेता कांग्रेस को ताकीद करते रहे हैं. इससे पहले जब सुमित्रा देवी कासडेकर ने इस्तीफा दिया था तब उमंग सिंगार ने भी ट्वीट किया था कि आज का वक्त खुद को नेता बनाने का नहीं पार्टी और संगठन को मजबूत करने का है. पर लगता है कांग्रेस के दोनों वरिष्ठ नेताओं को अपने साथियों की ये बात समझ नहीं आ रही है.
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